9 हिंदी स्पर्श


अग्नि पथ

हरिवंश राय बच्चन

अग्नि पथ अग्नि पथ अग्नि पथ
वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने, हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत
अग्नि पथ अग्नि पथ अग्नि पथ

यह एक मशहूर कविता है जिसे हरिवंश राय बच्चन ने लिखा है। हरिवंश राय बच्चन के सुपुत्र यानि अमिताभ बच्चन के टेलीविजन शो कौन बनेगा करोड़पति के एपिसोड में अक्सर कोई न कोई प्रतियोगी इस कविता का पाठ जरूर करता है। अग्निपथ नाम से बनी एक हिन्दी फिल्म में इस कविता का बड़ा ही रोमांचक चित्रण हुआ है।

अग्निपथ का मतलब होता है आग से भरा रास्ता यानि मुश्किल रास्ता या कठिन रास्ता। जीवन के सफर में उतार चढ़ाव आते ही रहते हैं। जीवन में कई बार ऐसा दौर आता है जब इंसान को हर तरफ से परेशानियाँ घेर लेती हैं। ऐसे समय में जीवन की राह किसी अग्निपथ की तरह हो जाती है।

ऐसे में हो सकता है कि मदद के लिए कुछ हाथ उठ जाएं। वृक्ष हो भले खड़े, हों घने, हों बड़े से कवि का यही मतलब है। लेकिन कवि का कहना है कि ऐसे में किसी एक पत्ते से भी छाँह नहीं माँगनी चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि कोई मदद छोटी हो या बड़ी, उसकी माँग कभी नहीं करनी चाहिए। बल्कि कोशिश यह होनी चाहिए कि मनुष्य अपने दम पर सभी कठिनाइयों से पार पा ले।

तू न थकेगा कभी
तू न थमेगा कभी
तू न मुड़ेगा कभी कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ
अग्नि पथ अग्नि पथ अग्नि पथ

जब लगने लगे कि जीवन की राह कठिन से कठिनतम होती जा रही है तो भी इंसान को थकना नहीं चाहिए। उसे मुड़ना नहीं चाहिए का मतलब है कि उसे हार नहीं माननी चाहिए। यदि कोई हार मान जाता है तो वहीं पर उसका सफर समाप्त हो जाता है और वह कभी भी अपनी मंजिल पर नहीं पहुँच पाता है। रुक जाने से या मुड़ जाने से लक्ष्य नहीं मिलता है। इसलिए शपथ लेनी चाहिए कि बिना थके वह चलता ही रहेगा।

यह महान दृश्य है
चल रहा मनुष्य है
अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ
अग्नि पथ अग्नि पथ अग्नि पथ

जब कोई किसी कठिन रास्ते से होते हुए अपनी मंजिल की ओर अग्रसर होता है तो एक महान दृश्य देखने को मिलता है। यहाँ पर महान का मतलब है प्रेरणादायक। जब भी हम किसी व्यक्ति की ऐसी कहानी सुनते हैं जिसमें वह तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपने मिशन में लगा रहा और अंतत: अपनी मंजिल तक पहुँच गया तो हमें बड़ी प्रेरणा मिलती है। ऐसे में मनुष्य अपने आँसू, पसीने और खून से लथपथ आगे बढ़ता रहता है और मंजिल को पा लेता है। आँसू या पसीने या खून से लथपथ होने का मतलब है आप तन मन धन से किसी काम में लग जाते हैं। अपना लक्ष्य पाने के लिए आप अपना सब कुछ अर्पण कर देते हैं।