9 हिंदी क्षितिज


दो बैलों की कथा

प्रेमचंद

सारांश

यह कहानी दो बैलों के बारे में है जो अपने मालिक से बेहद प्यार करते थे और जिनमे आपस में भी गहरी मित्रता थी। दोनों बैल स्वाभिमानी, बहादुर और परोपकारी हैं। उनका मालिक उन्हें बड़े स्नेह से रखता है।

लेकिन एक बार दोनों बैलों को मालिक के ससुराल भेज दिया जाता है। नये ठिकाने पर उचित सम्मान न मिलने के कारण दोनों बैल वहाँ से भागकर अपने असली मालिक के पास आते हैं। उन्हें दोबारा नये ठिकाने पर भेज दिया जाता है।

जब वे दोबारा भागने की कोशिश करते हैं तो कई मुसीबतों में फँस जाते हैं।

आखिर में उन्हें किसी कसाई के हाथ नीलाम कर दिया जाता है। लेकिन दोनों बैल उस कसाई के चंगुल से छूटने में भी कामयाब हो जाते हैं और अंत में अपने असली मालिक के पास पहुँच जाते हैं। यह कहानी बड़ी ही रोचक है और सरल भाषा में लिखी गई है।

NCERT Solution

Question 1: कांजीहाउस में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी?

उत्तर: कांजीहाउस में यह देखने के लिए पशुओं की हाजिरी ली जाती होगी कि कोई पशु कहीं भाग न गया हो।

Question 2: छोटे बच्चों को बैल के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?

उत्तर: छोटे बच्चे उन बातों को भी बड़ा महत्व देते हैं जो वयस्कों को अर्थहीन लगती है। उन बच्चों के लिए एक जानवर द्वारा अपने घर का रास्ता खोजकर सही सलामत पहुँच जाना बड़ी अनोखी बात लगी होगी। साथ में यह वाकया उनमें गांव के प्रति सम्मान की भी याद दिलाता होगा।

Question 3: कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति विषयक मूल्य उभर कर आये हैं?

उत्तर: कहानी में सबसे महत्वपूर्ण बात है दोस्ती की भावना की। एक सच्चा दोस्त अपने दोस्त के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है। हीरा और मोती ने कठिन से कठिन समय में भी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा है।

दूसरी महत्वपूर्ण बात है सहन शक्ति। लेखक ने भारतवासियों के बारे में इस गुण का बखान किया है। दोनों बैल ज्यादातर समय परिस्थिति को सहने की कोशिश करते हैं। जब बात हद से आगे बढ़ जाती है तभी वे किसी पर आक्रमण करते हैं।

तीसरी बात है उस व्यक्ति को याद रखना जिसने आप पर कोई अहसान किया हो। कहानी में उनकी कोशिश होती है कि जिस छोटी लड़की ने उनको रोटियाँ खिलाई है उसपर कोई आँच न आने पाए।

कहानी में स्त्री पर हमला न करने की भी सीख दी गयी है। हमारी सभ्यता में शुरु से नारी को बड़े सम्मान से देखा जाता है।

जब शत्रु असहाय हो जाए तो उसपर हमला नहीं करना चाहिए। हम इतिहास में ऐसी कई घटनाओं से परिचित हैं जिनमें निहत्थे शत्रु की जान बख्श दी जाती है।

आखिरी सीख दी गयी है कि अगर दूसरों की जान बचाने में आपकी जान भी चली जाए तो भी दूसरों की जान बचानी चाहिए।

Question 4: प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे के किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मूर्ख’ का प्रयोग न कर किस नये अर्थ की ओर संकेत दिया है?

उत्तर: इस कहानी में प्रेमचंद ने गधे को सहनशीलता का प्रतीक बताया है। उनके हिसाब से गधा हर्ष और विषाद दोनों में तटस्थ रहता है। उसके साथ कितना भी बुरा हो वो कभी दुखी नहीं होता और कितना भी अच्छा मौका आ जाए वो एक वैरागी की तरह भावहीन बना रहता है। ज्यादातर मनुष्य गधे की इस प्रतिभा को समझ नहीं पाते और अपनी नासमझी के कारण गधे को मूर्ख समझने की गलती कर बैठते हैं।

Question 5:किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा मोती में गहरी दोस्ती थी?

उत्तर: कहानी की शुरुआत में उनका एक दूसरे को चाटना और सहलाना, उनका साथ साथ चारा खाना और फिर एक साथ नाद से मुँह फेर लेना उनके गहरे भाईचारे की तरफ इशारा करता है। जब उन्हें बैलगाड़ी में जोता जाता है तो हमेशा एक बैल की कोशिश होती है कि दूसरे पर कम भार पड़े। जब दोनों पर मुसीबत आती है तो दोनों साथ मिलकर उसका सामना करते हैं। इसका सबसे अच्छा चित्रण सांढ़ से लड़ाई के समय हुआ है। जब एक की जान संकट में पड़ जाए और अपनी जान बचाने के सारे रास्ते खुले हों तब भी दोस्त का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। यह बात कांजीहाउस वाली घटना से साफ हो जाती है।

Question 6: ‘लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।‘ – हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस कथन के माध्यम से प्रेमचंद ने स्त्री को अबला मानने की अवधारणा की पुष्टि की है। प्रेमचंद का मानना है कि स्त्री को पूरा सम्मान देना चाहिए और कभी भी स्त्री पर वार नहीं करना चाहिए।