8 हिंदी दूर्वा


अन्याय के खिलाफ

NCERT Solution

प्रश्न 1: पाठ से

(a) आंध्र के घने जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के बीच अपना हक जमाने के लिए अंग्रेजों ने क्या किया?

उत्तर: अंग्रेजों ने जब ये देखा कि अस्त्र-शस्त्र की लड़ाई में वे एकजुट कोया आदिवासियों को नहीं हरा पायेंगे तो उन्होंने दूसरा रास्ता अपनाया। अंग्रेजों ने आदिवासियों के राशन-पानी ले जाने के रास्ते की नाकेबंदी कर दी। इससे धीरे-धीरे आदिवासियों में भूखों मरने की नौबत आ गई। कहते हैं कि भूख की आग सबसे खराब आग होती है और इसके सामने कोया आदिवासियों में क्रांति की आग बुझने लगी।

(b) श्री राम राजू कौन था? उसने अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण क्यों किया?

उत्तर: श्री राम राजू भी एक कोया आदिवासी था। उसने हाई स्कूल तक की पढ़ाई थी। वह 18 साल की उम्र में साधू बन गया था। उसके ज्ञान के कारण लोग उसे अपना नेता मानने लगे थे। जब अंग्रेजों ने कोया आदिवासियों का राशन रोक दिया तो उनपर कहर टूट पड़ा। श्री राम राजू ने अपने लोगों की तकलीफ का अंत करने के लिए आत्मसमर्पण कर दिया।

(c) अंग्रेजों से लड़ने के लिए कोया आदिवासी क्या क्या करते थे?

उत्तर: कोया आदिवासी आपस में एक जुट होकर अंग्रेजों से लड़ाई कर रहे थे। वे पुलिस और सेना के हथियार छीन लेते थे। गाँव वालों के समर्थन की वजह से अंग्रेजों को उन का कोई सुराग नहीं मिल पाता था। राजू ने गुप्तचरों का जाल बिछा रखा था, जिससे अंग्रेजों की हर गतिविधि की खबर उनको मिलती थी।

(d) कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम क्यों कहना चाहिए?

उत्तर: कोया आदिवासी अपने अधिकारों और आजादी के लिए विद्रोह कर रहे थे। हर प्राणी की तरह मनुष्य भी अपने तरीके से जीवन जीने के लिए स्वतंत्र होता है। अंग्रेजी सरकार कोया आदिवासियों की मूलभूत स्वतंत्रता के हनन का प्रयास कर रही थी। इसलिए कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम कहना उचित है।

प्रश्न 2: क्या ठीक होगा?

“दो दिनों में जंगल में सड़क बनाने का काम शुरु होगा। तुम सब लोगों को इस काम पर पहुँचना है। अगर नहीं पहुँचे तो ठीक नहीं होगा।“

“काम करेंगे तो बदले में क्या मिलेगा।“

ऊपर के कथनों में पहला कथन तहसीलदार बेस्टीयन का है जो आदिवासियों के गाँवों में जाकर चिल्ला-चिल्लाकर बोला था और दूसरा कथन आदिवासियों में से किसी का है जो तहसीलदार से पूछना चाहता था। अब तुम सोचकर बताओ कि:

(a) तुम्हारे विचार से बेस्टियन का कथन ठीक होगा?

(b) आदिवासियों में किसी के द्वारा कहा गया वह कथन कैसा है? तुम्हारे विचार से क्या ठीक होगा?

उत्तर: बेस्टियन एक तरह से धमकी दे रहा था। वह लोगों को डराकर काम निकालना चाहता था। उसके मन में मानवाधिकारों के प्रति तनिक भी सम्मान नहीं था। किसी आदिवासी का कथन उसके मूलभूत अधिकारों की अभिव्यक्ति था। किसी भी आदमी से बेगार करवाना उसके साथ पशु जैसा बर्ताव करने के समान है। इसलिए आदिवासी का कथन ही ठीक है।