8 हिंदी दूर्वा


एक खिलाड़ी की कुछ यादें

NCERT Solution

प्रश्न 1: पाठ से

(a) लेखक बैडमिंटन चैम्पियन था। उसे हॉकी खेलने की प्रेरणा किससे और कैसे मिली?

उत्तर: लेखक ने एक बार लाहौर में ध्यानचंद को हॉकी खेलते देखा था। ध्यानचंद की दक्षता ने लेखक को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया। लेखक के शब्दों में एक महान खिलाड़ी आपको अपने खेल की ओर आकर्षित करता है। उस खिलाड़ी की महानता आपके लिए एक प्रेरणाश्रोत का काम करती है।

(b) इंग्लैंड से मैच जीतने के बाद सबकी आँखों में आंसू क्यों थे?

उत्तर: उस समय भारत को आजाद हुए कुछ ही दिन हुए थे। इंग्लैंड पर उनकी जीत सिर्फ खेल में जीत नहीं थी, बल्क्ति एक पूर्व गुलाम की अपने क्रूर शासक के ऊपर जीत थी। जिन्होंने हम पर दो सौ सालों तक राज किया था उनको हराना मानसिक तौर पर बहुत ही गर्व का काम रहा होगा। इसलिए सबकी आँखों में आंसू आ गए थे।

(c) “खिलाड़ियों में जज्बा जरूरी है” लेखक ने किस जज्बे की बात की है? यह जज्बा जरूरी क्यों है?

उत्तर: किसी भी खेल में बेहतर करने के लिए पूरे समर्पण की जरूरत होती है। आपकी पूरी एकाग्रता खेल में होनी चाहिए। इसके साथ हर हाल में जीत की ओर बढ़ने के लिए खेलना चाहिए। जब तक जीतने की अदम्य इच्छा नहीं होगी खिलाड़ी अपना शत प्रतिशत नहीं दे पाएगा।

प्रश्न 2: याद करना

“60 साल की बात करने से पहले मैं कुछ साल और पीछे जाना चाहता हूँ। लाहौर को याद करना चाहता हूँ।“

ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि

(a) लेखक 60 साल पहले की बात करने के लिए क्या करना चाता है?

उत्तर: लेखक यह बताना चाहता है कि उसे हॉकी खेलने की प्रेरणा कैसे मिली थी। इसलिए वह लाहौर को याद करना चाहता है जहाँ उसने ध्यानचंद को हॉकी खेलते हुए देखा था।

(b) तुम्हें अगर अपने तीन साल के हिंदी सीखने की बात को कहने को कहा जाए तो उसके लिए क्या-क्या करोगे?

उत्तर: मैं उस समय से शुरु करूंगा जब मैंने वर्णमाला सीखना शुरु किया था। फिर मैं उस घटना का वर्णन करूंगा जिसके कारण हिंदी में मेरी रुचि जाग गई।

(c) क्या पिछली किसी बात को याद करने के लिए बार-बार रटना जरूरी होता है या सोच समझ के साथ उस पर चर्चा, विचार और उसका आवश्यकतानुसार व्यवहार करना जरूरी होता है? तुम्हें जो भी उचित लगे उसे कारण सहित बताओ।

उत्तर: पिछली किसी बात को याद करने के लिए सोच समझ के साथ उस पर चर्चा, विचार और उसका आवश्यकतानुसार व्यवहार करना जरूरी होता है। रटने से कोई फायदा नहीं होता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण गणित से मिलता है। हम यदि गणित के फॉर्मूलों को रटने की कोशिश करते हैं तो कुछ दिन बाद ही उन्हें भूल जाते हैं। लेकिन यदि हम लगातार गणित के सवालों को हल करने की प्रैक्टिस करते रहते हैं तो ये फॉर्मूले अपने आप याद हो जाते हैं।