चिट्ठी का सफर
इस चैप्टर में चिट्ठी के सफर के बारे में बताया गया है।
पुराने जमाने में चिट्ठी पहुँचाने के लिए हरकारे का इस्तेमाल होता था। हरकारा वह आदमी होता था जो दौड़कर या फिर घोड़े पर सवार होकर एक जगह से दूसरी जगह चिट्ठी पहुँचाने का काम करता था। इस काम में डाकू और जंगली जानवरों से खतरा बना रहता था।
चिट्ठी पहुँचाने के लिए कबूतरों का भी इस्तेमाल होता था। इसके लिए एक खास प्रजाति के कबूतरों को ट्रेनिंग दी जाती थी।
आज डाक विभाग और कूरियर द्वारा चिट्ठी पहुँचाने का काम होता है। किसी चिट्ठी को भेजने के लिए उसके ऊपर उचित मूल्य का डाक टिकट लगाना होता है। फिर उसपर पाने वाले का नाम और पता लिखना होता है। पते के साथ पिन कोड लिखना भी जरूरी होता है। पिन कोड छ: अंकों की एक संख्या होती है।
अब अधिकतर संदेशों को भेजने के लिए लोग ईमेल और व्हाटस ऐप का इस्तेमाल करते हैं। इस माध्यम से पलक झपकते चिट्ठी को दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुँचाया जा सकता है।
चिट्ठी पत्री
प्रश्न 1: गांधी जी को सिर्फ उनके नाम और देश के नाम के सहारे पत्र कैसे पहुँच गया होगा?
उत्तर: गांधी जी बहुत मशहूर व्यक्ति थे। इसलिए केवल उनका नाम भर लिख देने से ही डाक विभाग के लोगों को पता चल गया होगा कि चिट्ठी को किस जगह पहुँचाना है।
प्रश्न 2: अगर एक पत्र में पते के साथ किसी का नाम न हो तो क्या पत्र ठीक जगह पर पहुँच जाएगा?
उत्तर: नहीं
प्रश्न 3: नाम न होने से क्या समस्याएँ आ सकती हैं?
उत्तर: नाम न होने से डाकिए के लिए यह समझना मुश्किल हो सकता है कि पत्र किस व्यक्ति तक पहुँचाना है। यदि वह पता किसी दफ्तर का है तो दफ्तर तक पहुँचने के बाद उस व्यक्ति को ढ़ूँढ़ना असंभव हो जाएगा जिसका नाम ही न पता हो। यदि मकान नंबर और बाकी पता सही है तो कम से सही मकान तक तो चिट्ठी पहुँच जाएगी।
प्रश्न 4: पैदल हरकारों को किस किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता होगा?
उत्तर: पैदल हरकारों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता होगा। रास्ते में मौसम की मार, डाकूओं का डर और जंगली जानवरों से खतरा हमेशा बना रहता होगा।
प्रश्न 5: अगर तुम किसी को चिट्ठी लिख रहे हो तो पते में यह जानकारी किस क्रम में लिखोगे? गली/मोहल्ले का नाम, घर का नंबर, राज्य का नाम, खंड का नाम, कस्बे/शहर/गाँव का नाम, जनपद का नाम।
उत्तर: घर का नंबर → खंड का नाम &rar; गली/मोहल्ले का नाम &rar; कस्बे/शहर/गाँव का नाम → जनपद का नाम → राज्य का नाम
तुमने इस क्रम में ही क्यों लिखा?
उत्तर: पता लिखते समय सबसे छोटी इकाई से शुरु करते हुए सबसे बड़ी इकाई तक लिखा जाता है।
प्रश्न 6: अपने घर पर कोई पुराना (या नया) पत्र ढ़ूँढ़ो। उसे देखकर नीचे लिखे प्रश्नों का जवाब लिखो
(a) पत्र किसने लिखा?
उत्तर: मेरे दादा ने लिखा
(b) किसे लिखा?
उत्तर: मेरे नाना को लिखा
(c) किस तारीख को लिखा?
उत्तर: 7 सितंबर 1977
(d) यह पत्र किस डाकखाने में तथा किस तारीख को पहुँचा?
उत्तर: 14 सितंबर 1977 गोलघर डाकखाना पटना
(e) यह उत्तर तुम्हें कैसे पता चला?
उत्तर: टिकट के ऊपर लगे मुहर को देखकर
प्रश्न 7: चिट्ठी भेजने के लिए आमतौर पर पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र तथा लिफाफा का इस्तेमाल किया जाता है। डाकघर जाकर इनका मूल्य पता करके लिखो
उत्तर: पोस्टकार्ड 50 पैसे
अंतर्देशीय पत्र 2.50 रु
लिफाफा 5 रु