पानी रे पानी
तुम्हारे आस पास
अपने आस पास के बड़ों से पूछकर पता लगाओ
प्रश्न 1: तुम्हारे घर में पानी कहाँ से आता है?
उत्तर: जल बोर्ड की टंकियों से पाइपों से होकर
प्रश्न 2: तुम्हारे घर का मैला पानी बहकर कहाँ जाता है?
उत्तर: नालियों में
प्रश्न 3: तुम्हारे इलाके में धरती के अंदर का पानी कितने फीट या कितने हाथ नीचे है? आज से पंद्रह वर्ष पहले यह पानी कितना नीचा था?
उत्तर: आज मेरे इलाके में धरती के अंदर पानी 250 फीट नीचे है। आज से पंद्रह वर्ष पहले यह 60 फीट नीचे हुआ करता था।
अनुमान लगाओ
प्रश्न 1: अपने घर के नल के पाइप में मोटर लगवाना दूसरों का हक छीनने के बराबर है। लेखक ऐसा क्यों मानते हैं?
उत्तर: जब हम अपने घर के नल के पाइप में मोटर लगवाते हैं तो अधिकतर पानी हमारे घर की टंकी में पहुँच जाता है। इससे दूसरे लोगों को कम पानी मिल पाता है। इसलिए लेखक ऐसा मानते हैं कि ऐसा करके हम दूसरों का हक छीन रहे होते हैं।
प्रश्न 2: बड़ी संख्या में इमारतें बनने से बाढ़ और अकाल का खतरा कैसे पैदा होता है?
उत्तर: बड़ी संख्या में इमारतें बनने से धरती की सतह कंक्रीट से ढ़क जाती है। इससे वर्षा का पानी जमीन के भीतर नहीं जा पाता है। इसके कारण भू जल का भंडार ठीक से भर नहीं पाता और अकाल का खतरा पैदा होता है। वर्षा का पानी जमीन के भीतर न जाकर सड़कों और गलियों में जलभराव की समस्या खड़ी करता है। इससे बाढ़ का खतरा पैदा होता है।
प्रश्न 3: धरती की गुल्लक किन किन साधनों से भरती है?
उत्तर: धरती की गुल्लक वर्षा के पानी से भरती है।
यदि हाँ तो
प्रश्न 1: क्या तुम्हारे इलाके में कभी बाढ़ आई है? यदि हाँ, तो उसके बारे में लिखो।
उत्तर: मेरे गाँव में लगभग हर साल बाढ़ आती है। बाढ़ के समय खेतों और पूरे गाँव में पानी भर जाता है। लोग अपना सामान और मवेशी लेकर राजमार्ग पर डेरा डाल देते हैं। वहीं पर लोग बाँस और प्लास्टिक की शीट से रहने के लिए अस्थाई घर बना लेते हैं। बाढ़ के समय खाने और पानी की बहुत किल्लत हो जाती है। कई लोग बीमार भी पड़ जाते हैं।
प्रश्न 2: क्या तुम्हारे घर में पानी कुछ ही घंटों के लिए आता है? यदि हाँ, तो बताओ कि कैसे तुम्हारे परिवार की दिनचर्या नल में पानी आने के साथ बँधी होती है?
उत्तर: मेरे घर में सुबह छ: से नौ बजे के बीच और शाम पाँच से सात बजे के बीच पानी आता है। घऱ के सभी लोग सुबह सबेरे उठ जाते हैं ताकि नहाने धोने का काम समय से हो सके। पूरे दिन के लिए पीने का पानी भर लिया जाता है। शाम के समय बर्तन धोने का काम पानी आने के बाद ही शुरु हो पाता है।
प्रश्न 3: क्या तुम्हारे मोहल्ले में रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए लोगों को पानी खरीदना पड़ता है? यदि हाँ, तो बताओ कि तुम्हारे घर में रोज औसतन कितने लीटर पानी खरीदा जाता है? इस पर कितना खर्चा होता है?
उत्तर: नल से आने वाला पानी इतना दूषित होता है कि उसे पीने और भोजन पकाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसलिए रोज हम अलग से 20 लीटर पानी खरीदते हैं। बीस लीटर की पानी की बोतल की कीमत चालीस रुपये है।
संकट क्यों
प्रश्न 1: पाठ में पानी के संकट के किस प्रमुख कारण की बात की गई है?
उत्तर: भू जल के गुल्लक में दोबारा पानी भरने में मुश्किल हो रही है।
प्रश्न 2: पानी के संकट का एक और मुख्य कारण पानी की फिजूलखर्ची भी है। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में पानी की बचत करने के लिए तुम क्या क्या उपाय कर सकते हो?
उत्तर: पानी की बचत के लिए नीचे लिखे उपाय किए जा सकते हैं:
- नल को बिना मतलब खुला नहीं छोड़ना चाहिए।
- कपड़े खंगालने के बाद बचे पानी का इस्तेमाल पोछा लगाने के लिए करना चाहिए।
- फल और सब्जियों को धोने के बाद बचे पानी को बगीचे में लगे पौधों पर डालना चाहिए।
प्रश्न 3: जितना उपलब्ध है, उससे कहीं ज्यादा खर्च करने से पानी का संकट उत्पन्न होता है। क्या यही बात हम बिजली के संकट के बारे में भी कह सकते हैं?
उत्तर: हाँ
भाषा का चक्कर
प्रश्न 1: पानी की बर्बादी, सबकी बर्बादी, इस नारे में बर्बादी शब्द का एक अर्थ है या दो अलग अर्थ हैं? सोचो।
उत्तर: पानी की बर्बादी का अर्थ है पानी की फिजूलखर्ची। सबकी बर्बादी का मतलब है सबके लिए बढ़ने वाली परेशानी।
प्रश्न 2: पानी हमारी जिंदगी में महत्वपूर्ण तो है ही, मुहावरों की दुनिया में भी उसकी खास जगह है। पानी से संबंधित कुछ मुहावरे इकट्ठे करो और उनका उचित संदर्भ में प्रयोग करो।
उत्तर:
- बिन पानी सब सून: रेगिस्तान में जीवन मुश्किल होता है क्योंकि बिन पानी सब सून।
- पानी पानी होना: चोरी पकड़े जाने पर बंटू पानी पानी हो गया।
- दूध का दूध पानी का पानी: सरपंच ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया और सही दोषी को पकड़ लिया।