9 हिंदी स्पर्श


वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन

धीरंजन मालवे

NCERT Solution

Part 1

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए:

Question 1: रामन भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे?

उत्तर: रामन भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा एक ऐसे वैज्ञानिक थे जिनके अंदर सशक्त वैज्ञानिक जिज्ञासा थी।

Question 2: समुद्र को देखकर रामन के मन में कौन सी दो जिज्ञासएँ उठीं?

उत्तर: समुद्र को देखकर रामन के मन में दो जिज्ञासाएँ उठीं। पहली जिज्ञासा थी कि समुद्र का रंग नीला क्यों होता है। दूसरी जिज्ञासा थी कि समुद्र का रंग कुछ और क्यों नहीं होता है।

Question 3: रामन के पिता ने उनमें किन विषयों की सशक्त नींव डाली?

उत्तर: रामन के पिता ने उनमें गणित और भौतिकी की सशक्त नींव डाली।

Question 4: वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के अध्ययन के द्वारा रामन क्या करना चाहते थे?

उत्तर: रामन वाद्ययंत्रों की ध्वनि के पीछे छुपे वैज्ञानिक रहस्य को उजागर करना चाहते थे।

Question 5: सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन की क्या भावना थी?

उत्तर: रामन सरकारी नौकरी इसलिए छोड़ना चाहते थे ताकि वैज्ञानिक शोध पर अधिक समय दे सकें।

Question 6: ‘रामन प्रभाव’ की खोज के पीछे कौन सा सवाल हिलोरें ले रहा था?

उत्तर: रामन प्रभाव की खोज के पीछे हिलोरें लेने वाला सवाल था कि समुद्र का रंग नीला क्यों होता है।

Question 7: प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने क्या बताया?

उत्तर: आइंस्टाइन ने बताया कि प्रकाश अति सूक्ष्म कणों की तीव्र धारा के समान है।

Question 8: रामन की खोज ने किन अध्ययनों को सहज बनाया?

उत्तर: रामन की खोज की वजह से अणुओं और परमाणुओं का अध्ययन सहज हो गया।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए:

Question 1: कॉलेज कि दिनों में रामन की दिली इच्छा क्या थी?

उत्तर: कॉलेज के दिनों में रामन की दिली इच्छा थी कि अपना पूरा जीवन शोधकार्य को समर्पित कर दें। लेकिन उस जमाने में शोधकार्य को एक पूर्णकालिक कैरियर के रूप में अपनाने की कोई व्यवस्था नहीं थी।

Question 2: वाद्ययंत्रों पर की गई खोजों से रामन ने कौन सी भ्रांति तोड़ने की कोशिश की?

उत्तर: लोगों का मानना था कि भारतीय वाद्ययंत्र पश्चिमी वाद्ययंत्र की तुलना में अच्छे नहीं होते हैं। रामन ने अपनी खोजों से इस भ्रांति को तोड़ने की कोशिश की।

Question 3: रामन के लिए नौकरी संबंधी कौन सा निर्णय कठिन था?

उत्तर: उस जमाने के हिसाब से रामन सरकारी विभाग में एक प्रतिष्ठित अफसर के पद पर तैनात थे। उन्हें मोटी तनख्वाह और अन्य सुविधाएँ मिलती थीं। उस नौकरी को छोड़कर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की नौकरी करने का फैसला बहुत कठिन था।

Question 4: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन को समय समय पर किन किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?

उत्तर: रामन को 1924 में रॉयल सोसाइटी की सदस्यता से सम्मानित किया गया। 1929 में उन्हें ‘सर’ की उपाधि दी गई। 1930 में उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें कई अन्य पुरस्कार भी मिले; जैसे रोम का मेत्यूसी पदक, रॉयल सोसाइटी का ह्यूज पदक, फिलाडेल्फिया इंस्टीच्यूट का फ्रैंकलिन पदक, सोवियत रूस का अंतर्राष्ट्रीय लेनिन पुरस्कार, आदि। उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

Question 5: रामन को मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीय चेतना को जाग्रत किया। ऐसा क्यों कहा गया है?

उत्तर: रामन को अधिकतर पुरस्कार तब मिले जब भारत अंग्रेजों के अधीन था। वैसे समय में यहाँ पर वैज्ञानिक चेतना का सख्त अभाव था। रामन को मिलने वाले पुरस्कारों से भारत की न सिर्फ वैज्ञानिक चेतना जाग्रत हुई बल्कि भारत का आत्मविश्वास भी बढ़ा।