9 हिंदी स्पर्श


कीचड़ का काव्य

काका कालेलकर

NCERT Solution

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए:

Question 1: रंग की शोभा ने क्या कर दिया?

उत्तर: उस सुबह रंगों की सारी शोभा उत्तर दिशा में जमी थी। उत्तर दिशा में लाल रंग ने कमाल कर दिया था।

Question 2: बादल किसकी तरह हो गए थे?

उत्तर: बादल श्वेत पूनी जैसे हो गए थे। धुनी हुई रुई को पूनी कहते हैं।

Question 3: लोग किन-किन चीजों का वर्णन करते हैं?

उत्तर: लोग आकाश, पृथ्वी, जलाशयों, आदि का वर्णन करते हैं लेकिन कोई भी कीचड़ का वर्णन नहीं करता।

Question 4: कीचड़ से क्या होता है?

उत्तर: कीचड़ से शरीर मैला हो जाता है और कपड़े गंदे हो जाते हैं। कोई भी नहीं चाहता कि उसके शरीर पर कीचड़ पड़े।

Question 5: कीचड़ जैसा रंग कौन लोग पसंद करते हैं?

उत्तर: कलाभिज्ञ लोग कीचड़ जैसा रंग पसंद करते हैं।

Question 6: नदी के किनारे कीचड़ कब सुंदर दिखता है?

उत्तर: नदी के किनारे जब कीचड़ सूखकर बड़े टुकड़ों में बदल जाता है तो बहुत सुंदर दिखता है।

Question 7: कीचड़ कहाँ सुंदर लगता है?

उत्तर: नदी किनारे जब मीलों तक एक जैसा समतल कीचड़ पसरा होता है तो वह बहुत सुंदर दिखता है।

Question 8: ‘पंक’ और ‘पंकज’ शब्द में क्या अंतर है?

उत्तर: ‘पंक’ का अर्थ होता है कीचड़, जबकि ‘पंकज’ का अर्थ होता है कमल।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए:

Question 1: कीचड़ के प्रति किसी की सहानुभूति क्यों नहीं होती?

उत्तर: कीचड़ का नाम आते ही मैलेपन का खयाल आता है। कीचड़ को लोग गंदगी की निशानी समझते हैं। इसलिए कीचड़ के प्रति किसी की सहानुभूति नहीं होती।

Question 2: जमीन ठोस होने पर उस पर किनके पदचिह्न अंकित होते हैं?

उत्तर: जमीन ठोस होने पर उस पर गाय, भैंस, बकरी, बैल, आदि के पदचिन्ह अंक्ति हो जाते हैं। कभी कभी उसपर चिड़िया के पदचिन्ह भी अंकित हो जाते हैं।

Question 3: मनुष्य को क्या भान होता जिससे वह कीचड़ का तिरस्कार न करता?

उत्तर: हमारा अन्न कीचड़ से ही पैदा होता है। यदि इसका जाग्रत भान मनुष्य को होता तो वह कीचड़ का तिरस्कार न करता।

Question 4: पहाड़ लुप्त कर देनेवाले कीचड़ की क्या विशेषता है?

उत्तर: समंदर के किनारे या खंभात में जहाँ तक नजर जाए कीचड़ ही नजर आता है। मही नदी के मुहाने पर तो इतना कीचड़ होता है कि उसमें हाथी क्या पहाड़ भी लुप्त हो जाएँ। इससे पता चलता है कि वहाँ पर अथाह कीचड़ होता है।