9 हिंदी कृतिका


इस जल प्रलय में

फणीश्वर नाथ रेणु

NCERT Solution

Part 2

प्रश्न 8: जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?

उत्तर: जब लेखक को यह पता चला कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावन है तो उसने जरूरी सामान इकट्ठे कर लिए; जैसे: दियासलाई, आलू, पीने का पानी, सिगरेट, कांपोज की गोलियाँ, आदि। उसके बाद लेखक जब आती हुई बाढ़ को देखने गया तो कुछ फिल्मी पत्रिकाएँ भी खरीद लीं।

प्रश्न 9: बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?

उत्तर: हैजा, मलेरिया, पीलिया, आदि।

प्रश्न 10: नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?

उत्तर: नौजवान और उसके कुत्ते में जबरदस्त भाईचारा था। पहले तो नौजवान इसलिए पानी में कूदा कि वह कुत्ते को छोड़कर जाना नहीं चाहता था। उसकी देखादेखी कुत्ता भी पानी में कूद गया क्योंकि वह उस नौजवान के बगैर नहीं जाना चाहता था।

प्रश्न 11: ‘अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं – मेरे पास।‘ – मूवी कैमरा, टेप रिकार्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?

उत्तर: यदि लेखक के पास मूवी कैमरा, टेप रिकार्डर, कलम, आदि होते तो उसका सारा ध्यान बाढ़ के दृश्य को उन उपकरणों के माध्यम से कैद करने पर होता। ऐसे में वह बाढ़ की विभीषिका, लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाओं, आस पास के माहौल, आदि का साक्षात अनुभव नहीं कर पाता। जो बात किसी चीज का साक्षात अनुभव करने में है उसका मुकाबला कोई भी सिनेमा, टेलिविजन, या लेख नहीं कर सकता। इसलिए लेखक ने कहा कि अच्छा था कि उसके पास कुछ भी नहीं था।

प्रश्न 12: आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: मीडिया अक्सर चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर या अतिशयोक्तिपूर्ण ढ़ंग से पेश करती है। इससे लोगों में खलबली मच सकती है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण वह वाकया हो सकता है जब पूरे भारत में गणेश जी की मूर्ति ने दूध पिया था। केबल टी. वी. तब भारत में नया-नया आया था और मोबाइल फोन तब अस्तित्व में नहीं थे। लेकिन पलक झपकते ही यह खबर पूरे देश में फैल गई थी कि गणेश भगवान दूध पी रहे हैं। मंदिरों के बाहर लोगों का रेला लगा हुआ था। लोग गणेश भगवान को दूध पिलाने के लिए धक्कामुक्की कर रहे थे। दूध बेचने वालों की तो लॉट्री निकल पड़ी थी। कई टेलिविजन चैनल बकायदा वैज्ञानिकों को बिठाकर इस बात को समझाने की की कोशिश कर रहे थे कि कोई दैवी चमत्कार नहीं हो रहा था। कुछ चैनल वाले ऐसे भी थे जो केवल गणेश स्तुति द्वारा दर्शकों का मनोरंजन कर रहे थे। फिर अगले दिन सबकुछ सामान्य हो गया था क्योंकि उसके बाद गणेश जी ने दूध पीना बंद कर दिया था।

प्रश्न 13: अपनी देखी सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।

उत्तर: मैंने बाढ़ का अनुभव बहुत करीब से और कई बार किया है क्योंकि मैं बिहार के उस जिले से आता हूँ जहाँ लगभग हर साल बाढ़ आती है। बात 2005 की है, जब हमारे शहर में बाढ़ का पानी आ गया था। बाढ़ के आने से तीन चार दिन पहले से ही हमलोग जरूरी सामान इकट्ठे कर रहे थे; जैसे: आलू, चूड़ा, सत्तू, गैस का सिलिंडर, दवाइयाँ, नमकीन और बिस्किट के पैकेट, आदि। उसके बाद अधिकतर सामानों को प्लास्टिक की शीट से पैक कर के ऊपर छत पर रख दिया गया। छत पर प्लास्टिक की शीट टांग कर एक तंबूनुमा घर बनाया गया। चूँकि हमलोग हर साल बाढ़ झेलते थे इसलिए तैयारी में कोई कसर नहीं थी और वह हमारे लिए एक सामान्य बात थी।

बाढ़ आने के बाद हम लोगों ने छत पर आसरा ले लिया। पूरे मुहल्ले में कमर भर पानी लगा हुआ था। बच्चे एक छत से दूसरी छत पर दौड़ लगा रहे थे। वयस्क समय बिताने के लिए ताश खेल रहे थे। महिलाएँ आपस में गप्पें लड़ा रही थीं। पास ही रेलवे स्टेशन था जो ऊँचा होने की वजह से पानी से ऊपर था। वहीं से पीने का पानी लाया जा रहा था। इसके लिए केले के तनों से बनी रैफ्ट पर पानी की बाल्टियाँ रखकर मुहल्ले के युवक जाया करते थे। पानी इतना गंदा था कि उसमें पैर रखने में भी उबकाई हो। लगभग एक हफ्ते तक यही स्थिति बनी रही। पानी के निकल जाने के बाद तो और भी भयावह स्थिति थी। हर जगह से गंदा कीचड़ साफ करने में महीना भर लग गया। इस बीच असहनीय बदबू को बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था।