9 हिंदी क्षितिज


बच्चे काम पर जा रहे हैं

राजेश जोशी

NCERT अभ्यास

प्रश्न 1: कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।

उत्तर: कविता की पहली दो पंक्तियाँ पढ़ने तथा उस पर विचार करने से मेरे मन में दस बारह साल के उस लड़के की तस्वीर उभरती है जो नुक्कड़ की चाय की दुकान में काम करता है। वह मुँह अंधेरे चाय की दुकान पर पहुँच जाता है और बरतन धोना शुरु कर देता है। उसके बाद वह पूरे दुकान की सफाई करता है। बीच बीच में उसे मालिक की गालियाँ भी सुननी पड़ती हैं।

प्रश्न 2: कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?

उत्तर: बच्चों की उम्र खेलने कूदने और पढ़ने लिखने की होती है। इससे उनका समुचित शारीरिक और मानसिक विकास होता है। यदि किसी बच्चे को काम पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है तो उसका बचपन तो खराब होता ही है साथ में उसका भविष्य भी बरबाद हो जाता है। इसलिए समाज से और सरकार से यह सवाल पूछना जरूरी होता है कि क्या मजबूरियाँ होंगी जिसके कारण बच्चे काम पर जा रहे हैं। बाल मजदूरी कहीं न कहीं हमारे समाज की विफलता को दिखाता है।

प्रश्न 3: सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं?

उत्तर: कुछ बच्चे बहुत ही गरीब परिवार से होते हैं। इन बच्चों के माँ बाप अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी भी बहुत मुश्किल से जुटा पाते हैं। ऐसे लोगों के लिए सुविधा और खिलौनों के लिए सोचना भी असंभव होता है। इसलिए उनके बच्चे खेल कूद और अन्य जरूरी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।

प्रश्न 4: दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर: जिस बात को हम रोज अपने आस पास होते हुए देखते हैं उसे हम आम जीवन का हिस्सा मान लेते हैं। इसलिए बच्चों को काम पर जाते देख कर हम उदासीन हो जाए हैं यानि हमें उस बात से कोई लेना देना नहीं रहता है। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मदद करना तो चाहते हैं लेकिन शायद साधनों के अभाव में ऐसा नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोग बाल मजदूरी जैसी ज्वलंत समस्याओं से अपना मुँह मोड़ लेते हैं।

प्रश्न 5: आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है?

उत्तर: मैंने अपने शहर में बच्चों को कई जगह काम करते हुए देखा है। चाय की दुकान पर अक्सर कम उम्र के बच्चे लोगों को चाय पिलाते हुए दिख जाते हैं। हाइवे पर के ढ़ाबों में काम करने वालों में वेटर का काम अक्सर बच्चे ही करते हैं। कुछ बच्चे खिलौने, किताबें और अन्य कई सामान चौराहों पर बेचते हुए दिख जाते हैं।

प्रश्न 6: बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों हैं?

उत्तर: जब कोई बच्चा मजदूरी करता है तो वह बड़ा होकर कोई अच्छा काम नहीं कर पाता है। उसका पूरा जीवन गरीबी में बीतता है। ऐसे में समाज का एक बड़ा हिस्सा हाशिये पर चला जाता है। इसलिए बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान है।