10 हिंदी
प्रश्न 1: शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है?
उत्तर: शहनाई की रीड जिस नरकट से बनती है वह डुमराँव के पास सोन नदी के किनारों पर पाई जाती है। इसलिए शहनाई की दुनिया में डुमराँव को याद किया जाता है। बिस्मिल्ला खाँ का जन्म डुमराँव में हुआ था, इसलिए भी शहनाई की दुनिया में डुमराँव को याद किया जाता है।
प्रश्न 2: बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है?
उत्तर: बिस्मिल्ला खाँ ने अस्सी बरस तक लगातार शहनाई बजाने का रियाज किया था। उनकी पाँचों वक्त की नमाज में वे खुदा से केवल एक चीज माँगा करते थे; सच्चा सुर। शहनाई और सच्चे सुर के प्रति उनकी इतनी गहन श्रद्धा के कारण ही वे अपनी अमिट पहचान बना पाए। इसलिए उनहें शहनाई की मंगलध्वनि का नायक कहा गया है।
प्रश्न 3: सुषिर वाद्यों से क्या अभिप्राय है? शहनाई को ‘सुषिर वाद्यों में शाह’ की उपाधि क्यों दी गई होगी?
उत्तर: जिस वाद्य को फूँक मारकर बजाया जाता है उसे सुषिर वाद्य कहते हैं। अरब देशों में रीड वाले सुषिर वाद्य को नय बोलते हैं। शहनाई को मंगलमय अवसरों पर ही बजाया जाता है। इसलिए इसे शाहे नय अर्थात सुषिर वाद्यों में शाह की उपाधि दी गई है।
प्रश्न 4: आशय स्पष्ट कीजिए:
प्रश्न 5: काशी में हो रहे कौन से परिवर्तन बिस्मिल्ला खाँ को व्यथित करते थे?
उत्तर: काशी में पारंपरिक खाना मिलना बंद हो गया। कुछ जो आज भी बेच रहे हैं उनमें पुरानी वाली बात नहीं है। अब लोगों में अदब और शिद्दत की भारी कमी मालूम पड़ती है। गायक अपने संगतकारों को इज्जत नहीं देते हैं। नए शिष्यों में वह धैर्य नहीं कि घंटों रियाज कर सकें। बिस्मिल्ला खाँ को ये सब कमी अखरती है।
प्रश्न 6: पाठ में आए किन प्रसंगों के आधार पर आप कह सकते हैं कि
प्रश्न 7: बिस्मिल्ला खाँ के जीवन से जुड़ी उन घटनाओं और व्यक्तियों का उल्लेख करें जिन्होंने उनकी संगीत साधना को समृद्ध किया?
उत्तर: बचपन में वे अपने नाना और मामाओं को शहनाई बजाते देखते थे। कभी-कभी वे अपने नाना की शहनाई बजाने के चक्कर में बैठक खाने में धावा भी बोलते थे। जब उनके मामू शहनाई बजाते हुए सम पर आते थे तो बिस्मिल्ला खाँ धम्म से पत्थर पटकते थे। मंदिर पर शहनाई बजाकर जो अठन्नी मिलती थी उसे वे अपने सबसे प्रिया शौक पर खर्च करते थे। ये सब वो व्यक्ति या घटनाएँ हैं जिन्होंने उनकी संगीत साधना को समृद्ध किया।
प्रश्न 8: बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?
उत्तर: बिस्मिल्ला खाँ का लगन, उनकी बालसुलभता और उनकी सरलता।
प्रश्न 9: मुहर्रम से बिस्मिल्ला खाँ के जुड़ाव को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: मुहर्रम के आठवें दिन बिस्मिल्ला खाँ खड़े होकर शहनाई बजाते थे। उस दिन वे कोई राग नहीं बजाते थे क्योंकि मुहर्रम के अवसर पर शोक मनाया जाता है।
प्रश्न 10: बिस्मिल्ला खाँ कला के अनन्य उपासक थे, तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: आज बिस्मिल्ला खाँ के मरने के बाद भी वे शहनाई के पर्याय ही माने जाते हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जब बिस्मिल्ला खाँ के हाथ में शहनाई होती थी तो लोगों पर जादू छा जाता था। उनकी शहनाई का जादू किसी चमत्कार से नहीं आया था बल्कि सालों के रियाज के कारण। इसलिए यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि बिस्मिल्ला खाँ कला के अनन्य उपासक थे।
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