10 इतिहास


आधुनिक शहरों का उदय

NCERT Abhyas

प्रश्न 1: अठारहवीं सदी के मध्य से लंदन की आबादी क्यों फैलने लगी? कारण बताइए।

उत्तर: लंदन में कोई बड़ी फैक्टरी नहीं होने के बावजूद पलायन करने वालों के लिए लंदन मुख्य मंजिल हुआ करता थी। लंदन के डॉकयार्ड (गोदी) में रोजगार के प्रचुर अवसर थे। इसके अलावा लोगों को कपड़ा, जूते, लकड़ी, फर्नीचर, मेटल, इंजीनियरिंग, प्रिंटिंग और प्रेसिजन इंस्ट्रूमेंट में रोजगार मिल जाता था। इसलिए अठारहवीं सदी के मध्य से लंदन की आबादी बढ़ने लगी।

प्रश्न 2: उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के बीच लंदन में औरतों के लिए उपलब्ध कामों में किस तरह के बदलाव आए? ये बदलाव किन कारणों से आए?

उत्तर: जब युद्ध शुरु हुआ तो अधिकतर पुरुषों को लड़ाई में जाना पड़ा। इसलिए कारखानों में महिलाएँ काम करने लगीं। लेकिन युद्ध समाप्त होते ही महिलाएँ बेरोजगार होने लगीं। इन महिलाओं को घरों में काम करने के लिए बाध्य होना पड़ा। कई महिलाओं ने कपड़े सिलने, कपड़े धोने, चौका बरतन और माचिस बनाने का काम शुरु किया।

प्रश्न 3: विशाल शहरी आबादी के होने से निम्नलिखित पर क्या असर पड़ता है? ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ समझाइए।

(a) जमींदार

उत्तर: शहर की आबादी बढ़ने से जमींदार के लिए आय के नये स्रोत खुल जाते हैं। जमींदार अपने मकान को किराये पर लगाकर अतिरिक्त आय कमा सकता है। ऐसा लंदन और बम्बई के उदाहरणों में देखने को मिलता है।

(b) कानून व्यवस्था सँभालने वाला पुलिस अधीक्षक

उत्तर: आबादी बढ़ने के साथ समाज में कई बुराईयाँ भी फैलती हैं। जिन्हें रोजगार नहीं मिल पाता है वे छोटे मोटे अपराध करना शुरु कर देते हैं। सघन आबादी वाली तंग झुग्गियों में रहने वाले लोगों में काफी रोष जमा हो जाता है जो कभी भी गुस्सा बनकर सड़कों पर फूट सकता है। इससे दंगे की आशंका बढ़ जाती है। किसी पुलिस अधीक्षक के लिए यह एक चुनौतीभरा अवसर होता है क्योंकि अपराध को नियंत्रण में रखना उसका कर्तव्य होता है।

(c) राजनीतिक दल का नेता

उत्तर: किसी राजनीतिक दल के नेता के लिए एक बड़ी आबादी में चुनौती के साथ साथ अवसर भी होते हैं। किसी नेता के लिए एक बड़ी आबादी में रोष की भावना को रोकना एक चुनौती होती है। लेकिन इसका सही हल निकाल लेने की स्थिति में उसके लिए अपार जन समर्थन तैयार हो जाता है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित की व्याख्या करें:

(a) उन्नीसवीं सदी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की जरूरत का समर्थन क्यों किया?

उत्तर: तंग मकानों के कारण गंदगी की समस्या उत्पन्न होती है जिससे महामारी फैलने का खतरा रहता है। तंग मकानों में आग का खतरा भी बना रहता था। तंग बस्तियों में अपराध पनपने का खतरा भी व्याप्त रहता है। उन्नीसवीं सदी में धनी लंदनवासियों ने इन समस्याओं की रोकथाम के उद्देश्य से गरीबों के लिए मकान बनाने की जरूरत का समर्थन किया।

(b) बंबई की बहुत सारी फिल्में शहर में बाहर से आने वाली जिंदगी पर आधारित क्यों होती थीं?

उत्तर: बम्बई की फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले ज्यादातर लोग आप्रवासी थे। ये लोग आप्रवासियों की समस्या को बेहतर ढ़ंग से समझ सकते थे और उसे बेहतर ढ़ंग से प्रस्तुत भी कर सकते थे। इसलिए बंबई की बहुत सारी फिल्में शहर में बाहर से आने वाली जिंदगी पर आधारित होती थीं।

(c) उन्नीसवीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई?

उत्तर: उन्नीसवीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि के कारण निम्नलिखित हैं:

प्रश्न 5: लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध करने के लिए इंग्लैंड में उन्नीसवीं सदी में मनोरंजन के कौन कौन से साधन सामने आए।

उत्तर: लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध करने के लिए इंग्लैंड में उन्नीसवीं सदी में मनोरंजन के निम्नलिखित साधन सामने आए: पुस्तकालय, कला दीर्घा और अजायबघर

प्रश्न 6: लंदन में आए उन सामाजिक परिवर्तनों की व्याख्या करें जिनके कारण भूमिगत रेलवे की जरूरत पैदा हुई। भूमिगत रेलवे के निर्माण की आलोचना क्यों हुई?

उत्तर: जब शहर का विस्तार होने लगा तो शहर के व्यावसायिक केंद्र पर जनसंख्या का भार तेजी से बढ़ने लगा। इस भीड़भाड़ को कम करने का तरीका था आबादी के एक बड़े हिस्से को शहर से दूर भेजा जाये। ऐसा तभी संभव होता जब लोगों को ऐसी परिवहन व्यवस्था मिलती कि वे आसानी से उपनगरों से अपने काम की जगह पर जा सकें। इसलिए लंदन में भूमिगत रेलवे की आवश्यकता महसूस हुई। भूमिगत रेल के निर्माण के लिए कई लोगों के मकानों को गिरा दिया गया। इसलिए वे लोग भूमिगत रेल की आलोचना करते थे। कुछ लोगों को भूमिगत रेल के धुंए से भरे कोच में सफर करना पसंद नहीं था। वे भी भूमिगत रेल की आलोचना करते थे।

प्रश्न 7: पेरिस के हॉसमानीकरण का क्या अर्थ है? इस तरह के विकास को आप किस हद तक सही या गलत मानते हैं? इस बात का समर्थन या विरोध करते हुए अखबार के संपादक को पत्र लिखिए और उसमें अपने दृष्टिकोण के पक्ष में कारण दीजिए।

उत्तर: पेरिस शहर को एक आदर्श शहर बनाने की कोशिश बैरन हॉसमैन नामक टाउन प्लानर ने की थी। हॉसमैन ने पेरिस का नक्शा ही बदल दिया। अब पेरिस की हर सड़क, हर गली और हर मकान एक ही जैसा दिखता था। किसी भी सड़क या गली या मकान का अपना अनूठा चरित्र नहीं था। पूरा शहर किसी कृत्रिम स्थान की तरह लगता था। एक ही तरह की रूपरेखा होने से लोगों को रास्ते खोजने में भी परेशानी होती थी। इसी परिघटना को हॉसमानीकरण कहते हैं।

आप जब अपने शहर के बारे में गौर से सोचेंगे तो पाएँगे कि हर मुहल्ले का अपना एक अनूठा चरित्र होता है। रास्ते खोजने के लिए आप किसी न किसी लैंडमार्क की मदद लेते हैं। बनारस की पतली गलियों का नजारा दिल्ली के राजपथ से बिलकुल अलग होता है। हर शहर के लोगों को इन्हीं अनूठे चरित्रों से अपनापन हो जाता है।

किसी भी टाउन प्लानर को यह ध्यान रखना चाहिए कि केवल इमारतें बनाने से शहर नहीं बसता। शहर को बसाने के लिए उसमें आत्मा की जरूरत पड़ती है।

प्रश्न 8: सरकारी नियमन और नए कानूनों ने प्रदूषण की समस्या को किस हद तक हल किया? निम्नलिखित के स्तर में परिवर्तन के लिए बने कानूनों की सफलता और विफलता का एक एक उदाहरण दीजिए:

(a) सार्वजनिक जीवन

उत्तर: दिल्ली में मेट्रो रेल के आने से पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत बहुत खराब थी। लेकिन मेट्रो रेल के बनने से लोगों का जीवन आसान हुआ है। अब लोग दूर दराज के उपनगरों में भी रहने के लिए तैयार हो गये हैं।

वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने समय समय पर रोड राशनिंग की पहल की है। इसके तहत निजी कारों के लिए ऑड ईवन स्कीम लाई गई ताकि सड़कों पर कारों की संख्या कम की जा सके। लेकिन एक सुचारु पब्लिक ट्रांसपोर्ट की अनुपस्थिति में इससे लोगों की परेशानियाँ घटने की बजाय बढ़ी ही हैं।

(b) निजी जीवन

उत्तर: सरकार ने रसोई गैस को घर घर पहुँचाने के लिए कई योजनाओं पर अमल किया है। इससे गृहिणियों का जीवन बेहतर हुआ है। पहले कोयले या लकड़ी के चूल्हे के कारण ग़ृहिणियों में सांस की बीमारी होने का खतरा रहता था।

लेकिन अभी भी हमारे देश में रसोई गैस मुख्य रूप से सिलिंडरों में उपलब्ध है। पाइप से गैस आपूर्ति की सुविधा कुछ चुनिंदा शहरों में ही है। लोगों का जीवन आसान करने के लिए इस सुविधा को पूरे देश में फैलाने की जरूरत है।