पंचतंत्र

शेर और ऊँट

एक जंगल में एक शेर रहता था। उसके साथ उसके तीन चमचे रहते थे; एक कौवा, एक सियार और एक चीता। ये तीनों जानवर जंगल के राजा से अपनी नजदीकी का भरपूर फायदा उठाते थे।

एक दिन उन्हें जंगल में एक ऊँट दिखाई दिया। उन्हें आश्चर्य हुआ क्योंकि ऊँट अक्सर मनुष्यों के साथ रहते हैं। ऊँट से पूछने पर पता चला कि वह अपने कारवाँ से बिछड़ गया है। शेर ने उस ऊँट को पनाह दे दी और उसे निडर होकर रहने को कहा। इस तरह वह ऊँट भी शेर और उसके चमचों के साथ रहने लगा।

lion and camel

कुछ दिन बीत गए। एक दिन हाथी के साथ हुई लड़ाई में शेर बुरी तरह घायल हो गया। वह इतना कमजोर हो गया कि शिकार भी नहीं मार पाता था। अब उसके चमचों को भी भूख का सामना करना पडता था। उन्होंने शेर को सलाह दी कि ऊँट को मरकर खा लिया जाए। लेकिन शेर अपने शरण में आए जानवर को मारने के सख्त खिलाफ था और इसलिए गुस्सा हो गया। तब उसके चमचों ने कहा कि अगर वे ऊँट को इस बात के लिए राजी कर लें कि वह शेर के लिए अपनी कुर्बानी दे दे तब तो शेर को कोई समस्या नहीं होगी। शेर इस बात पर राजी हो गया।

योजना के मुताबिक़ कौवे, सियार और चीते ने बारी-बारी से अपने आप को शेर का भोजन बनने के लिए सौंपा। उन्होंने कहा कि यह उनका कर्तव्य है कि जंगल के राजा को भूख से मरने से बचाया जाए। लेकिन शेर ने किसी को नहीं मारा। ऐसा देखकर कि शेर ने किसी का बाल भी बांका नहीं किया, ऊँट ने भी वही किया। बस फिर क्या था, शेर ने पलक झपकते ऊँट को मार गिराया। इसके बाद तो शेर और उसके चमचों की पार्टी हो गई।

इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि कभी भी ऐसे दुष्ट लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए जो सत्ता में काबिज लोगों के निकट रहते हैं।