7 हिंदी दूर्वा


पुस्तकें जो अमर हैं

मनोज दास

इस लेख को मनोज दास ने लिखा है। इस लेख में लेखक ने पुस्तकों के महत्व और उनकी महानता के बारे में लिखा है।

लेखक ने बताया है कि कई राजाओं और आक्रमणकारियों ने इतिहास में कई बार पुस्तकों को जलाने का काम किया है। लेकिन पूरी तरह नष्ट हो जाने के बाद भी पुस्तकों का नये रूप में पुनर्जन्म होता रहा है। ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि पुस्तकों का निर्माण मनुष्य की चतुराई, ज्ञान, भावना, कल्पना और दूरदर्शिता के कारण संभव हो पाया है।

पुस्तकों को जलाने से आप मनुष्य के ज्ञान के भंडार को नहीं जला सकते। जब छापेखाने अस्तित्व में नहीं आये थे तो लोग किसी भी पुस्तक को कंठस्थ कर लेते थे। इस तरह से ज्ञान का संचार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में होना संभव हो पाया था। यूनान के महाकाव्यों, भारत के वेदों और महाकाव्यों को लोगों ने कई पीढ़ी तक इसी विधि से आगे बढ़ाया।

पाठ से

(क) सी ह्यांग ती के समय में पुस्तकें कैसे बनाई जाती थीं?

उत्तर: सी ह्यांग ती के समय लकड़ी के टुकड़ों पर अक्षर खोदे जाते थे। इस तरह से लकड़ी के टुकड़े ही पुस्तक के पन्नों का काम करते थे।

(ख) पाठ के आधार पर बताओ कि राजा को पुस्तकों से क्या खतरा था?

उत्तर: राजा को लगता था कि हो सकता है कि कुछ पुस्तकों में उसके और उसके पूर्वजों कि आलोचना की गई हो।

(ग) पुराने समय से ही अनेक व्यक्तियों ने पुस्तकों को नष्ट करने का प्रयास किया। पाठ में से कोई तीन उदाहरण ढ़ूँढ़कर लिखो।

उत्तर: पुस्तक नष्ट करने के तीन उदाहरण नीचे दिये गये हैं:

(घ) बार-बार नष्ट करने की कोशिशों के बाद भी किताबें समाप्त नहीं हुईं। क्यों?

उत्तर: मनुष्य की चतुराई, ज्ञान, भावना, कल्पना और दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप पुस्तकों का जन्म होता है। पुस्तकों के जलाने से मनुष्य का ज्ञान या उसका अनुभव नहीं नष्ट होता है। इसलिए बार-बार नष्ट करने की कोशिशों के बाद भी किताबें समाप्त नहीं हुईं।

सही शब्द भरो

  1. साहित्य की दृष्टि से भारत का .................महान है। (अतीत/भूगोल)
  2. पुस्तकालय के तीन विभागों को जलाकर ............कर दिया गया। (गर्म/खाक)
  3. उसे किताबों सहित .................में दफना दिया गया। (जमीन/आकाश)
  4. कागज ही जलता है, ……………तो उड़ जाते हैं। (शब्द/पांडुलिपियाँ)

उत्तर: (a) अतीत, (b) खाक, (c) जमीन, (d) शब्द