जंगल बुक पार्ट 3

गाँव में मोगली

हिंदी अनुवाद

अजय आनंद

मोगली को कुछ अजीब सा लग रहा था। इससे पहले वह कभी भी किसी छत के नीचे नहीं सोया था। वह फूस की दीवार को निहार रहा था और सोच रहा था कि कितनी आसानी से वो उसे तोड़कर उसमें से बाहर भाग सकता है। उसने फिर ये भी देखा कि खिड़कियों के पल्लों में सिटकनी भी नहीं थी। मोगली फिर सोचने लगा, मेरी हालत यहाँ पर ऐसे ही है जैसे किसी आदमी की जंगल में होगी। मैं तो इनकी भाषा समझ भी नहीं पा रहा हूँ। मुझे यदि सही में इंसान बनना है तो जल्दी से इनकी भाषा सीखनी होगी।


Jungle Scene

वह जब जंगल में था तो बड़ी आसानी से हिरणों के आवाज की नकल उतार लेता था। वह जंगली सुअरों की आवाज भी निकाल लेता था। आज यही हुनर उसके काम आ रहा था। जैसे ही मेसुआ कोई शब्द बोलती, मोगली बड़ी बखूबी से उसे दोहरा लेता था। रात होने से पहले तक मोगली ने उस झोपड़ी में रखी कई चीजों के नाम जान लिए।

जब रात हुई तो मोगली को वह झोपड़ी किसी ऐसे पिंजरे की तरह लगने लगी जिसे शेर या बाघ को फँसाने के लिए लगाया गया हो। मोगली को घुटन महसूस हो रही थी और वह सो नहीं पा रहा था। जब झोपड़ी के दरवाजे बंद हुए तो मोगली खिड़की के रास्ते बाहर निकल गया। इस पर मेसुआ के पति ने कहा, बेचारा आज तक कभी बिस्तर पर नहीं सोया होगा। इसकी जो मर्जी आये करने दो। यदि यह असल में हमारा बेटा है तो यहाँ से भागेगा नहीं।

इसके बाद मोगली एक खेत के किनार जाकर नर्म मुलायम घास पर लेट गया। अभी उसने ठीक से अंगड़ाई भी नहीं ली थी कि उसे अपने गालों पर किसी चिर परिचित थूथन की गरमाहट महसूस हुई।

वह और कोई नहीं बल्की रक्षा का बड़ा बेटा था। मोगली ने चौंक कर कहा, अरे तुम हो, बड़े भाई।

मोगली के बड़े भाई ने कहा, हाँ मैं भी बीस मील से तुम्हारा पीछा करते-करते आया हूँ। लेकिन बदले में क्या इनाम मिला। तुम तो लकड़ी के धुँए और मवेशियों की तरह महक रहे हो। लगता है कि तुम सही में इंसान बन गये। मैं तुम्हारे लिये एक खबर लाया हूँ।

मोगली उसके गले लग गया और पूछा, जंगल में सब ठीक तो है?