जंगल बुक पार्ट 2

मोहिनी विद्या

हिंदी अनुवाद

अजय आनंद

मोगली को अजगर की सम्मोहन शक्ति के बारे में कुछ भी पता नहीं था। उसने पूछा, लेकिन उस अनोखे नाच का क्या मतलब है? मुझे तो लगा कि एक बूढ़ा साँप बिना मतलब ही जमीन पर गोले बना रहा था। इससे उसकी नाक भी लाल हो गई थी। हा!हा!हा!हा!


Jungle Scene

बघीरा गुस्से में बोला, मोगली, यह मत भूलो कि उसकी नाक तुम्हारे कारण लाल हुई थी। ठीक वैसे ही जैसे मेरे कान और पंजे और बलू की गरदन और कंधे घायल हुए थे। अरे अब तो कई दिन तक मैं और बलू ठीक से शिकार भी नहीं कर पाएँगे।

बलू ने कहा, अरे भाई, इस मोगली को वापस पाने के लिए तो यह छोटी सी कीमत है।

बघीरा ने कहा, सच कह रहे हो, लेकिन इसके कारण हमारा ढ़ेर सारा समय बर्बाद हुआ जो हम शिकार पकड़ने में लगाते। हम तो बुरी तरह से घायल भी हो गए। याद रखना मोगली, तुम्हारे ही कारण ही मेरे जैसे महान तेंदुए को उस का से मदद लेनी पड़ी। मेरी तो पूरी जिंदगी की कमाई हुई इज्जत ही चली गई। और हद तो तब हो गई जब उसके नृत्य के आगे तो हम कठपुतली बन गये। ये सब कुछ हुआ है क्योंकि तुम बंदर लोगों के साथ खेलने चले गये थे।

मोगली ने उदास मुँह बनाते हुए कहा, सच ही है, मैं बड़ा ही दुष्ट बच्चा हूँ। लेकिन मैं दिल से इस बात के लिए शर्मिंदा हूँ।

क्या खाक शर्मिंदा हो। बलू, जरा बताओ तो जंगल का कानून क्या कहता है।

बलू अब मोगली को परेशान नहीं करना चाहता था लेकिन वह जंगल के कानून से खिलवाड़ भी नहीं कर सकता था। उसने कहा, शर्मिंदा होने से सजा कम नहीं हो जाती। लेकिन बघीरा, ध्यान रहे कि यह तो छोटा बच्चा है।

बघीरा ने कहा, ठीक है मैं इसका ध्यान रखूँगा। लेकिन इसके लिए थप्पड़ तो पड़ेंगे ही। मोगली, तुम्हें अपनी सफाई में कुछ कहना है?

नहीं, मैंने गलती की है और तुम दोनों घायल भी हुए हो। मैं सजा भुगतने को तैयार हूँ।

बघीरा ने उसे लगभग आधे दर्जन हल्के थप्पड़ मारे। लेकिन वे किसी तेंदुए के लिए हल्के हो सकते थे। उन थप्पड़ों से तो किसी तेंदुए के बच्चे की नींद भी नहीं टूटती, पर मोगली के लिए वे करारे थप्पड़ साबित हुए। जब बघीरा अपना काम निबटा चुका तो मोगली ने हल्की सी सुबकी ली और बिना कुछ कहे उठकर ख‌ड़ा हो गया।

बघीरा ने फिर कहा, अब कूदकर मेरी पीठ पर बैठ जाओ। हम अब घर चलेंगे।

जंगल के कानून की सबसे अच्छी बात ये है कि सजा मिलने के बाद पूरा हिसाब चुकता हो जाता है। उसके बाद सब बीती बातों को भूलकर आगे की सुध लेते हैं।

बघीरा की पीठ पर बैठे-बैठे मोगली को गहरी नींद आ गई। उनका रास्ता कब खत्म हुआ उसे पता ही नहीं चला। वह तब भी सोया ही रहा जब बघीरा ने उसकी गुफा में उसे उसकी माँ रक्षा की बगल में लिटा दिया।