9 हिंदी स्पर्श


एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा

बचेंद्री पाल

NCERT Solution

Part 2

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखिए:

Question 1: उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?

उत्तर: उपनेता प्रेमचंद ने सबको खुंभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि उनके दल ने कैंप-एक तक का रास्ता साफ कर दिया था। उन्होंने बताया कि पुल बनाकर, रस्सियाँ बाँधकर और झंडियों से रास्ते पर निशान लगाकर, सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया था। उन्होंने ये भी बताया कि हिमपात में अनियमित और अनिश्चित बदलाव हो सकता था जिससे रास्ता खोलने का काम दोबारा करना पड़ सकता था।

Question 2: हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?

उत्तर: बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना हिमपात कहलाता है। ग्लेशियर के बहने से अकसर बर्फ में हलचल हो जाती है, जिससे बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्टानें अचानक गिर जाती हैं। हिमपात से पर्वतारोही को गंभीर चोट लग सकती है या उसकी मृत्यु भी हो सकती है। हिमपात से रास्ता अवरुद्ध हो सकता है जिससे पर्वतारोही कई दिन तक फँसे रह सकते हैं। मौसम भी अचानक से खराब हो जाता है।

Question 3: लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?

उत्तर: बर्फ का पिंड लेखिका के कैंप के ऊपर गिरा था। वह अपने साथ बर्फ इकट्ठा करते हुए एक विशाल हिमपुंज में बदल गया था। वह पिंड किसी एक्सप्रेस ट्रेन की गति से लेखिका के तंबू से टकराया था। लेखिका की नींद जब टूटी तो उन्हें लगा कि उनका सिर किसी भारी चीज से टकरा गया था।

Question 4: की लेखिका को देखकर हक्का-बक्का क्यों रह गया?

उत्तर: की को लेखिका की हिम्मत पर आश्चर्य हो रहा था। लेखिका को अभी ऊपर की चढ़ाई करनी थी लेकिन वह थकान की परवाह किये बिना अन्य साथियों की तलाश में नीचे आ गई थीं। लेखिका ने सबके लिए चाय भी बनाई थी। इसलिए की हक्का बक्का था।

Question 5: एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए उनका वर्णन कीजिए।

उत्तर: एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल 6 कैंप बनाए गये थे जो निम्नलिखित हैं:

Question 6: चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी?

उत्तर: चारों तरफ बर्फीली हवाएँ चल रही थीं। चोटी किसी शंकु के आकार की थी जहाँ से नीचे सीधी ढ़लान दिख रही थी। वहाँ पर बड़ी मुश्किल से दो तीन लोगों के खड़े होने की जगह थी। सुरक्षित खड़े रहने के लिए भी फावड़े का सहारा लेना पड़ रहा था।

Question 7: सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?

उत्तर: बचेंद्री पाल ने कई कार्यों में अपनी सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय दिया है। वे अपने साथियों के लिए खाना और चाय बनाती हैं। वह जितना हो सके सामान ढ़ोती हैं। वह दुर्घटना के बाद भी घबराती नहीं हैं और दूसरों का हौसला बढ़ाती हैं। अन्य पर्वतारोहियों के लाख कहने पर भी वह बीच में से ही वापस आने से साफ मना कर देती हैं।

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:

Question 1: एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए।

उत्तर: एवरेस्ट जैसे महान अभियान का मौका अधिकतर लोगों को बड़ी मेहनत के बाद भी जीवन में एक बार ही मिलता है। यह अभियान खतरों से भरा होता है। इसमें जान जाने का पूरा अंदेशा रहता है। ऐसे में अगर कोई घबरा जाए तो फिर वह इस अभियान को पूरा करने की हिम्मत खो देगा।

Question 2: सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे चौड़े हिम विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।

उत्तर: एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान कई बार जमीन पर दरार पड़ती है और वह दरार चौड़े विदर में बदल जाती है। यह बहुत ही खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकता है। प्रतिदिन पर्वतारोहियों के दल के कितने ही लोग हिमपात के शिकार होकर या तो जख्मी हो जाते हैं या अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। यह सब काफी डरावना होता है।

Question 3: बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी सी पूजा अर्चना की और इनको बर्फ में गाड़ दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता पिता का ध्यान आया।

उत्तर: एवरेस्ट पर विजय के बारे में सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह एक रोमांचकारी और अभूतपूर्व अनुभव होता होगा; ऐसा अनुभव जिसको दोहराना नामुमकिन है। ऐसे में पर्वतारोही के लिए अपनी भावनाओं पर काबू रखना बहुत मुश्किल होता होगा। वह अलग-अलग तरीके से अपनी खुशी जाहिर करता होगा। लेखिका ने अपने आराध्य की पूजा करके और अपने माता पिता को याद करके उस विजय का जश्न मनाया।