8 हिंदी दूर्वा


भारत की खोज

जवाहरलाल नेहरू

Part 3

प्रश्न 10: प्राचीन काल से लेकर आज तक राजा या सरकार द्वारा जमीन और उत्पादन पर ‘कर’ लगाया जाता रहा है। आजकल हम किन-किन वस्तुओं और सेवाओं पर कर देते हैं, सूची बनाइए।

उत्तर: आज लगभग हर उस वस्तु पर टैक्स लगाया जाता है जिसे पैकेट में बेचा जाता है। सेवाएँ जिनपर टैक्स लगता है, उनमें से कुछ के नाम हैं: इंश्योरेंस, ट्रांसपोर्ट, फोन बिल, हॉस्पिटल बिल, रेस्तरां, आदि।

प्रश्न 11: प्राचीन समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रभाव के दो उदाहरण बताइए। वर्तमान समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के कौन-कौन से प्रभाव देखे जा सकते हैं? अपने साथियों से मिलकर एक सूची बनाइए। (संकेत: खान-पान, पहनावा, फिल्में, हिंदी, कंप्यूटर, टेलीमार्केटिंग, आदि)

उत्तर: प्राचीन समय में अरब देशों और पश्चिम के देशों ने भारत से दशमलव प्रणाली सीखी। मध्ययुग में भारत से उन कपड़ों की मांग अच्छी थी जिनपर हाथ से कशीदाकारी की जाती थी। आज पूरे ब्रिटेन में चिकन टिक्का को वहाँ का नेशनल डिश माना जाता है। भारत की करी को कई देशों के लोग पसंद करते हैं। हमारे कई संगीतकारों ने पश्चिमी देशों में अपनी अलग पहचान बनाई है; जैसे रविशंकर, ए. आर. रहमान, आदि।

प्रश्न 12: पृष्ठ संख्या 34 पर कहा गया है कि जातकों में सौदागरों की समुद्री यात्राओं/यातायात के हवाले भरे हुए हैं। विश्व/भारत के मानचित्र में उन स्थानों/रास्तों को खोजिए जिनकी चर्चा इस पृष्ठ पर की गई है।

उत्तर: स्वयं कीजिए

प्रश्न 13: कौटिल्य के अर्थशास्त्र में अनेक विषयों पर चर्चा है, जैसे, “व्यापार और वाणिज्य, कानून और न्यायालय, नगर-व्यवस्था, सामाजिक रीति-रिवाज, विवाह और तलाक, स्त्रियों के अधिकार, कर और लगान, कृषि, खानों और कारखानों को चलाना, दस्तकारी, मंडियाँ, बागवानी, उद्योग-धंधे, सिंचाई और जलमार्ग, जहाज और जहाजरानी, निगमें, जन-गणना, मत्स्य उद्योग, कसाई खाने, पासपोर्ट और जेल – सब शामिल हैं। इसमें विधवा विवाह को मान्यता दी गई है और विशेष परिस्थिति में तलाक को भी।“ वर्तमान में इन विषयों की क्या स्थिति है? अपनी पसंद के किन्हीं दो विषयों पर लिखिए।

उत्तर: आज के भारत में विधवा विवाह को पूरी मान्यता है। कानूनी मान्यता के अलावा अब समाज का नजरिया भी इस विषय पर काफी बदल चुका है। यदि दूर दराज के गाँवों को छोड़ दें तो अधिकाँश लोग आज विधवा विवाह के पक्षधर हैं। इस मामले में परिवार के पुरुष स्वयं आगे बढ़कर पूरी कोशिश करते हैं कि किसी कम उम्र की विधवा का पुनर्विवाह हो जाये ताकि उसकी बाकी जिंदगी सुचारु रूप से चले। जहाँ तक स्त्रियों के अधिकार का प्रश्न है तो उस मामले में भी काफी कुछ बदला है। अब स्त्रियों को संपत्ति का अधिकार है। शिक्षा के प्रसार के कारण आज महिलाएँ लगभग हर क्षेत्र में काम करती हुई दिखाई देती हैं।

प्रश्न 14: आजादी से पहले किसानों की समस्याएँ निम्नलिखित थीं – “गरीबी, कर्ज, निहित स्वार्थ, जमींदार, महाजन, भारी लगान और कर, पुलिस के अत्याचार ..” आपके विचार से आजकल किसानों की समस्याएँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: आजादी के सत्तर वर्षों के बाद भी किसानों की समस्याएँ कमोबेश वैसी ही हैं। आज भी अधिकाँश किसान गरीबी के बोझ के तले दबे हुए हैं। जमींदार तो अब नहीं रहे लेकिन महाजन और साहूकार अब भी किसानों का खून पीते हैं। हाल के वर्षों में कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की आत्महत्या की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। किसानों को अपनी फसल औने पौने दामों में बेचनी पड़ती है और उनके बदले में बिचौलिये की आय बढ़ जाती है।