8 हिंदी दूर्वा


भारत की खोज

जवाहरलाल नेहरू

Part 5

प्रश्न 20: “नयी ताकतों ने सिर उठाया और वे हमें ग्रामीण जनता की ओर ले गई। पहली बार एक नया और दूसरे ढ़ंग का भारत उन युवा बुद्धिजीवियों के सामने आया......”

आपके विचार से आजादी की लड़ाई के बारे में कही गई ये बातें किस ‘नयी ताकत’ की ओर इशारा कर रही हैं? वह कौन व्यक्ति था और उसने ऐसा क्या किया जिसने ग्रामीण जनता को भी आजादी की लड़ाई का सिपाही बना दिया?

उत्तर: उन्नीसवीं सदी के अंत तक आजादी की बातें केवल पढ़े लिखे और अमीर तबके के लोग करते थे। ये वैसे लोग थे जिन्होंने अंग्रेजी में शिक्षा पाई थी। बीसवीं सदी के दूसरे दशक आते-आते किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग के लोग भी आजादी की बात करने लगे थे। एक बड़े जन समुदाय का समर्थन ही वह नयी ताकत थी। यह वह समय था जब महात्मा गांधी भारत की राजनीति में आये थे। गांधी जी ने अपना ध्यान यहाँ के किसानों और गरीबों के मुद्दों पर लगाया। उन्होंने ग्रामीणों को ऐसे राष्ट्र का सपना दिखाया जहाँ हर किसी के आत्मसम्मान की बात होती हो। गांधी जी के प्रयासों के कारण ही ग्रामीण जनता भी आजादी की लड़ाई में शामिल हो गई।

प्रश्न 21: ‘भारत माता की जय’ – आपके विचार से इस नारे में किसकी जय की बात कही जाती है? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

उत्तर: इस नारे में उस अमूर्त मातृभूमि के प्रति प्रेम झलकता है जिसकी मिट्टी में खेलकूदकर हम सभी बड़े हुए हैं। मिट्टी का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। हम जो भोजन खाते हैं वह इसी मिट्टी में उगता है। हमारे घर भी इसी जमीन पर बनते हैं। हमारा पूरा क्रियाकलाप मिट्टी की सतह पर ही होता है। इसलिए अपनी मिट्टी से जुड़ाव होना मनुष्य का एक प्राकृतिक गुण होता है।

प्रश्न 22: भारत पर प्राचीन काल से ही अनेक विदेशी आक्रमण होते रहे। उनकी सूची बनाइए। समय क्रम में बनाएँ तो और भी अच्छा होगा। आपके विचार से भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना इससे पहले के आक्रमणों से किस तरह अलग है?

उत्तर: भारत में कई विदेशी आक्रमण होते रहे हैं; जैसे कि हूण, यूनानी, तुर्की, मुगल, आदि। इनमें से कुछ आक्रमणकारी तो केवल लूटपाट करने की मंशा से आते थे। कुछ आक्रमणकारी अपनी साम्राज्यवादी नीतियों के कारण यहाँ आये। लेकिन जिस किसी ने भी अपना शासन यहाँ स्थापित किया वह कालांतर में यहीं का होकर रह गया; जैसे कुषाण और मुगल। लेकिन अंग्रेज उनसे अलग थे। अंग्रेजों ने कोई आक्रमण नहीं किया, बल्कि वे तो यहाँ व्यापार करने आए थे। अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया लेकिन उस शासन की बागडोर भारत से हजारों मील दूर हुआ करती थी। इसके पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ था। अंग्रेज कभी भी भारतीय होकर नहीं रह पाये।

प्रश्न 23: अंग्रेजी सरकार शिक्षा के प्रसार को नापसंद करती थी। क्यों? शिक्षा के प्रसार को नापसंद करने के बावजूद अंग्रेजी सरकार को शिक्षा के बारे में थोड़ा बहुत काम करना पड़ा। क्यों?

उत्तर: अंग्रेजी सरकार यह नहीं चाहती थी की भारत के लोग पढ़ लिख लें। अंग्रेज चाहते थे की भारतीय लोग हमेशा अज्ञान के अंधेरे में ही रहें ताकि उनपर शासन करना आसान हो। जब अंग्रेजों का शासन भारत के एक बड़े भूभाग तक फैल गया तो उन्हें ऐसे लोगों की जरूरत पड़ने लगी जो निचले दर्जे की नौकरियाँ करके उनके राजकाज में हाथ बँटाएँ। ऐसे ही क्लर्कों की फौज बनाने के लिए अंग्रेजी सरकार को शिक्षा के बारे में थोड़ा बहुत काम करना पड़ा।

प्रश्न 24: ब्रिटिश शासन के दौर के लिए कहा गया कि – “नया पूँजीवाद सारे विश्व में जो बाजार तैयार कर रहा था उससे हर सूरत में भारत के आर्थिक ढ़ाँचे पर प्रभाव पड़ना ही था।“ क्या आपको ऐसा लगता है कि अब भी नया पूँजीवाद पूरे विश्व में जो बाजार तैयार कर रहा है, उससे भारत के आर्थिक ढ़ाँचे पर प्रभाव पड़ रहा है? कैसे?

उत्तर: नया पूँजीवाद आज पूरे विश्व को एकीकृत बाजार में बदल रहा है। इससे कई फायदे हैं तो नुकसान भी हैं। आज लगभग हर बहुराष्ट्रीय कम्पनी भारत में अपना व्यवसाय कर रही है क्योंकि भारत एक विशाल बाजार है। इससे रोजगार के लाखों अवसर पैदा हुए हैं। इससे ग्राहकों के पास चुनने के लिए हजारों विकल्प उपलब्ध हैं। लेकिन इससे स्थानीय व्यापारियों को काफी नुकसान भी हुआ है। मजदूरों का शोषण काफी बढ़ गया है। उपभोक्तावाद तेजी से बढ़ा है जिसके बुरे प्रभाव समाज पर पड़ रहे हैं।